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किडनी का जर्नल

आईएसएसएन - 2472-1220

आसमाटिक मूत्राधिक्य

ऑस्मोटिक ड्यूरेसिस कुछ गैर-अवशोषित पदार्थों के कारण पेशाब में वृद्धि है, जिसके कारण गुर्दे की नलिकाओं में लुमेन के भीतर पानी जमा हो जाता है। यह उच्च रक्त ग्लूकोज, यूरिया और मैनिटोल जैसी दवाओं के कारण होता है, इन पदार्थों के प्रवेश के साथ उत्सर्जन होता है।

आसमाटिक ड्यूरेसिस का तंत्र: जो पदार्थ वृक्क नलिकाओं द्वारा आसानी से पुन: अवशोषित नहीं होते हैं वे लुमेन में बने रहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप आसमाटिक दबाव में वृद्धि होती है। परासरण की घटना के साथ, जिसमें पानी एक अर्धपारगम्य झिल्ली के माध्यम से उच्च विलेय सांद्रता वाले घोल में जाता है, फिर पानी लुमेन में चला जाता है। इससे पानी के पुनर्अवशोषण में कमी आती है, जिसके परिणामस्वरूप मूत्र उत्पादन में वृद्धि होती है। घुलनशील पदार्थों के निस्पंदन में वृद्धि, जिसे किडनी द्वारा पुन: अवशोषित नहीं किया जा सकता है, जैसे कि यूरिया या ग्लूकोज, सोडियम और पानी के पुन: अवशोषण को खराब कर सकता है, जिससे ऑस्मोटिक डाययूरिसिस हो सकता है।

ऑस्मोटिक ड्यूरेसिस से संबंधित पत्रिकाएँ

जर्नल ऑफ किडनी, मेडिकल एंड सर्जिकल यूरोलॉजी, जापानी जर्नल ऑफ नेफ्रोलॉजी, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड रेनोवस्कुलर डिजीज, जर्नल ऑफ रीनल केयर, कार्डियोरीनल मेडिसिन।